मोबाइल फोन बनाने के लिए एपल, सैमसंग समेत 10 कंपनियों को मिली मंजूरी; अगले पांच सालों में बनेंगे 10.5 लाख करोड़ रुपए के स्मार्टफोन, 11000 करोड़ रुपए का होगा निवेश - MAS News hindi

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Wednesday, October 7, 2020

मोबाइल फोन बनाने के लिए एपल, सैमसंग समेत 10 कंपनियों को मिली मंजूरी; अगले पांच सालों में बनेंगे 10.5 लाख करोड़ रुपए के स्मार्टफोन, 11000 करोड़ रुपए का होगा निवेश

केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 16 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। सरकार उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोबाइल फोन के निर्माण के लिए 11,000 करोड़ रुपए के निवेश किया जाएगा।

पीएलआई योजना के तहत कंपनियां अगले 5 वर्ष में तकरीबन 10.5 लाख करोड़ रुपए मूल्य के मोबाइल फोन बनाएंगी। इनमें आईफोन बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी एपल की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्स कॉन होन हाई, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन के प्रस्ताव शामिल हैं। इसके अलावा सैमसंग और राइजिंग स्टार के प्रस्तावों को भी सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है।

इन कंपनियों को भी दी गई मंजूरी

एपल और सैमसंग के अलावा जिन घरेलू कंपनियों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, उनमें लावा, भगवती (माइक्रो मैक्स), पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स (डिक्सन टैक्नोलॉजीज), यूटीएल नियो लिंक्स और ऑप्टिमस शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने पीएलआई योजना के तहत 16 योग्य आवेदकों को मंजूरी दी है।

2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत कंपनियां अगले पांच वर्षों में 2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार देगी। इसके साथ ही परोक्ष तौर पर इससे करीब तीन गुना अधिक रोजगार पैदा होने की उम्मीद जताई है।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार इस योजना के तहत स्वीकृति हासिल करने वाली कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में करीब 11,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त इंवेस्टमेंट भी लाएंगी।

जानिए क्या है पीएलआई योजना ?

भारत सरकार ने मोबाइल फोन के उत्पादन में एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना की पहल की है। इससे जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की शुरूआत 1 अप्रैल से की गई थी, जिसमें सरकार ने कहा था कि इसके अंतर्गत भारत में मोबाइल बनने पर पांच सालों के लिए 4% से 6% तक की प्रोत्साहन राशि देगी।

सरकार का कहना है कि इस योजना से पूरे देश में न सिर्फ लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि लाखों करोड़ों का निवेश भारत में आएगा, जो मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत तीनों योजनाओं का उद्देश्य पूरा होगा।



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एपल और सैमसंग के अलावा जिन घरेलू कंपनियों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, उनमें लावा, भगवती (माइक्रो मैक्स), पडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स (डिक्सन टैक्नोलॉजीज), यूटीएल नियो लिंक्स और ऑप्टिमस शामिल हैं।


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