प्रेग्नेंसी का डिप्रेशन बन सकता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन की वजह, जानें लक्षण और बचने के तरीके https://ift.tt/3q9402u - MAS News hindi

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, November 30, 2020

प्रेग्नेंसी का डिप्रेशन बन सकता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन की वजह, जानें लक्षण और बचने के तरीके https://ift.tt/3q9402u

तनाव या स्ट्रेस से हर व्यक्ति जूझता है। यह समस्या अगर ज्यादा दिन तक रहती है, तो बीमारी में बदल जाती है। कई बार ज्यादा तनाव लेने से लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। डिप्रेशन कई तरह के होते हैं। उन्हीं में से एक है प्रेग्नेंसी के समय होने वाला डिप्रेशन।

भोपाल में साइकैट्रिस्ट डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि यह समस्या ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में कॉमन है, लेकिन कई बार जागरूकता के कमी के कारण महिलाओं को पता नहीं होता है कि उन्हें डिप्रेशन है।

गर्भवती महिलाओं में डिप्रेशन होने के दोहरे नुकसान हैं। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान हो सकता है। समस्या से निपटने के लिए उससे जुड़ी जानकारी होना जरूरी है।

प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाला डिप्रेशन क्या है?

  • डिप्रेशन को आसान भाषा में समझें तो यह एक तरह का मूड डिसऑर्डर है। यह व्यक्ति के अंदर हफ्तों या महीनों तक रहता है। उसके शरीर को भी प्रभावित करता है।
  • इससे व्यक्ति के डेली रूटीन पर भी असर पड़ता है। ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाओं को इस दौर से गुजरना पड़ता है। प्रेग्नेंट महिलाओं में डिप्रेशन के कई कारण होते हैं।

प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन को ऐसे पहचानें

  • एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को जरूरत से ज्यादा मूड-स्विंग होने लगे तो, तो समझ लेना चाहिए कि वह डिप्रेशन की शिकार हैं। समय रहते उन्हें इलाज मिल जाए तो होने वाले बच्चे को इसके असर से बचाया जा सकता है।

डिप्रेशन की वजह से प्रेग्नेंसी पर असर होना

  • प्रेग्नेंसी के समय डिप्रेशन होने से मन और व्यक्तित्व पर बुरा असर पड़ सकता है। NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी) की एक रिसर्च में सामने आया कि प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह की समस्याओं पर ध्यान देना जरूरी है।

  • इसके चलते अगर ध्यान नहीं दिया गया तो यह और भी खतरनाक हो सकता है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन यानी प्रसव के बाद होने वाले डिप्रेशन का खतरा भी बढ़ जाता हैै।

प्रेग्नेंसी के समय डिप्रेशन से बच्चे पर होने वाले नुकसान

  • महिलाओं में इस तरह की समस्या कई तरीकों से प्रभावित कर सकती है। डेली रूटीन बिगड़ने की वजह से बच्चे का समय से पहले जन्म (प्रीटमबर्थ) और उसमें वजन की कमी (लो बर्थ वेट) हो सकती है।
  • अगर समय इलाज नहीं होता है, तो बच्चे के जन्म के बाद भी यह जारी रह सकता है। इस तरह के मामलों में अक्सर देखा गया कि मां शिशु का सही से पालन-पोषण नहीं कर पाती।
  • इससे न केवल बच्चे के शारीरिक विकास पर, बल्कि मानसिक विकास पर भी बुरा असर पड़ता है।

प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन का इलाज

  • डॉ. त्रिवेदी के मुताबिक, गर्भावस्था में होने वाले डिप्रेशन का सबसे बड़ा इलाज है कम्युनिकेशन। अगर घर के लोग गर्भवती महिला से लगातार कम्युनिकेशन बना कर रखें तो यह सामान्य डिप्रेशन कोई बड़ी समस्या नहीं बन पाएगा।
  • डॉ. त्रिवेदी कहते हैं कि हमें उनसे कम्युनिकेशन तो बनाना है, लेकिन एक लिसनर के तौर पर न कि एक स्पीकर के तौर पर। अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो तत्काल डॉक्टर की सालाह लेनी चाहिए।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Depression And Pregnancy Risks; What Is Postpartum Depression? Symptoms, How It Affects You And Your Child


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3o6G1PB

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad